नई कौनसी बात सुनाऊं ?
उदयाचल से अस्ताचल तक
वही ऋचाएं वही अनुगुंजन
कृष्ण वही हैं वही हैं पार्थ
वही मनीषी वही है चिंतन
सत्य सनातन के रक्षार्थ
कर्ण वही हैं वही दधीची
पुण्य ध्येय वही परमार्थ
वही क्षुधा है वही अतृप्ति
वही लालसा वही है स्वार्थ
वही त्याग है वही तपस्या
जन गण मंगल है निहितार्थ
राग वही हैं थाट वही हैं
कैसे बंदिश नई सुनाऊं
नई कौनसी बात सुनाऊं ?