दीपोत्सव

 

दीपवलय सज्जित हैं  दीपोत्सव

रंगोली द्वार  है

अमावास की यामिनी ने

किया सुश्रृंगार है

प्रज्ज्वलित मालिका है

उमंग अपार है

आया फिर दीपपर्व

मंगल त्योहार  है

ऋद्धि सिद्धि मिलें सदा

 विनती बारम्बार है

समृद्धि अक्षय हो 

यही उदगार है……..