मई 31 2012 नयी शुरुआत बीती बातें बिसर के आओ वर्तमान से बात करें आज को समझें ,अभी को जानें एक नयी शुरुआत करें गया जमाना कब लौटा है चला गया जो उसका क्या ! आने वाला समय कह रहा हर पल को सुर लय में गा समय का जो सम्मान करोगे मेहनत को अपनाओगे आने वाले कल को अपने सुखद बना तुम पाओगे …. इसे शेयर करे:TwitterFacebookपसंद करें लोड हो रहा है... Related
कल के दिन को किसने देखा आज के दिन को खोना न…. जिन घडियो में हस न सको तुम उन घडियो में रोना न… हर हल में खुश रहना… प्रतिक्रिया
बहुत सुन्दर रचना…आपकी नई शुरुवात रचना के साथ हम भी पुरानी बातो को विसरा कर नई शुरुवात करे… प्रतिक्रिया
कल के दिन को किसने देखा आज के दिन को खोना न….
जिन घडियो में हस न सको तुम उन घडियो में रोना न…
हर हल में खुश रहना…
बहुत सुन्दर रचना…आपकी नई शुरुवात रचना के साथ हम भी पुरानी बातो को विसरा कर नई शुरुवात करे…