नयी शुरुआत

 

बीती बातें बिसर के आओ

वर्तमान से बात करें

आज को समझें ,अभी को जानें

एक नयी शुरुआत करें

गया जमाना कब लौटा है

चला गया जो उसका क्या !

आने वाला समय कह रहा

हर पल को सुर लय में गा

समय का जो सम्मान करोगे

मेहनत को अपनाओगे

आने वाले कल को अपने

सुखद बना तुम पाओगे ….

2 टिप्पणियाँ “नयी शुरुआत” पर

  1. कल के दिन को किसने देखा आज के दिन को खोना न….
    जिन घडियो में हस न सको तुम उन घडियो में रोना न…

    हर हल में खुश रहना…

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