कुछ जाने पहचाने


हाँ उन्हें मैं जानता हूँ

हर सुबह जिनके लिए कुछ नई आशाएँ हैं लाती

सांझ फिर उनको समेटे आश्वासन दे के जाती |

स्वप्न में साकार हो जाती हैं जिनकी योजनाएं ,

मचल उठती हैं हृदय में कई नई  संभावनाएं|

ग्रह-नक्षत्रों के घरों में खोजते हैं स्वयं को जो

राशिफल को देखने को जो उलटते पत्रिकाएं |

भाग्य देवी के पुजारी ,लग्न को तलाशते हैं

खोजते फिरते हैं उसको जो उन्हीं के पास में हैं |

देखता हूँ मैं कई को ,कई को पहचानता हूँ

हाँ उन्हें मैं जानता हूँ ,हाँ उन्हें मैं जानता हूँ |

diwyansh द्वारा कविता में प्रकाशित किया गया

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